हमेशा देर कर देता हूँ मैं…!

हमेशा देर कर देता हूँ मैं…! जरुरी बात कहनी हो, कोई वादा निभाना हो, उसे आवाज देनी हो, उसे वापस बुलाना हो, हमेशा देर कर देता हूँ मैं…! मदद करनी हो उसकी, उसकी ढारस बढ़ाना हो, बहुत देरीना रास्तो पर, किसीसे मिलने जाना हो, हमेशा देर कर देता हूँ मैं…! बदलते मौसमों की सैर में, दिल को लगाना हो, किसी को याद रखना हो, किसी को भूल जाना हो, हमेशा देर कर देता हूँ मैं…! किसीको मौत से पहले, किसी गम से बचाना हो, हक़ीक़त और थी कुछ, उसको जाकर ये बताना हो, हमेशा देर कर देता हूँ मैं…! -मुनीर नियाज़ी