पौधा मुरझा रहा है...
शहर में पति-पत्नी रहते थे। पत्नी को बागवानी का शौक था, इसलिए उन्होंने कुछ दिनों पहले ही घर की छत पर कुछ गमले रखकर एक छोटा सा गार्डन बना लिया था। पत्नी रोज पौधों की देखभाल किया करती थी, मगर पति के समय इन कामों के लिए समय नहीं था। एक रविवार जब पति छत पर गया तो उसने देखा कि कुछ गमलों में फूल खिले हैं, कुछ गमलों में नई कोपलें निकल आई हैं। नींबू के पौधे में दो नींबू लटक रहे थे, कुछ गमलों में हरी सब्जियां भी दिखाई दे रही थीं। कुछ देर बाद पत्नी भी छत पर आ गई। पत्नी ने देखा कि एक पौधा जो दूसरों पौधों से अलग रखा था, मुरझा रहा था। पत्नी ने उसे उठाकर दूसरे पौधों के साथ रख दिया। पत्नी को ऐसा करते देख पति ने कहा- ये पौधा वहीं ठीक था, इसे सबके साथ क्यों रख रही हो? पत्नी ने कहा- ये पौधा दूसरे पौधों से अलग होने के कारण मुरझा रहा था, इसलिए इसे सबके साथ रख रही हूं। पति ने हंसकर कहा- अगर पौधा मुरझा रहा है तो इसमें खाद और पानी डालो, वो फिर से हरा-भरा हो जाएगा। पत्नी ने कहा- पौधे अकेले में सूख जाते हैं, लेकिन उन्हें अगर किसी और पौधे का साथ मिल जाए तो जी उठते हैं। पति को ये बात सुनने में थोड़ी अजीब लगी