पौधा मुरझा रहा है...

शहर में पति-पत्नी रहते थे। पत्नी को बागवानी का शौक था, इसलिए उन्होंने कुछ दिनों पहले ही घर की छत पर कुछ गमले रखकर एक छोटा सा गार्डन बना लिया था। पत्नी रोज पौधों की देखभाल किया करती थी, मगर पति के समय इन कामों के लिए समय नहीं था।

एक रविवार जब पति छत पर गया तो उसने देखा कि कुछ गमलों में फूल खिले हैं, कुछ गमलों में नई कोपलें निकल आई हैं। नींबू के पौधे में दो नींबू लटक रहे थे, कुछ गमलों में हरी सब्जियां भी दिखाई दे रही थीं। कुछ देर बाद पत्नी भी छत पर आ गई।

पत्नी ने देखा कि एक पौधा जो दूसरों पौधों से अलग रखा था, मुरझा रहा था। पत्नी ने उसे उठाकर दूसरे पौधों के साथ रख दिया। पत्नी को ऐसा करते देख पति ने कहा- ये पौधा वहीं ठीक था, इसे सबके साथ क्यों रख रही हो?

पत्नी ने कहा- ये पौधा दूसरे पौधों से अलग होने के कारण मुरझा रहा था, इसलिए इसे सबके साथ रख रही हूं।

पति ने हंसकर कहा- अगर पौधा मुरझा रहा है तो इसमें खाद और पानी डालो, वो फिर से हरा-भरा हो जाएगा।
पत्नी ने कहा- पौधे अकेले में सूख जाते हैं, लेकिन उन्हें अगर किसी और पौधे का साथ मिल जाए तो जी उठते हैं।

पति को ये बात सुनने में थोड़ी अजीब लगी। तभी उसकी आंखों के सामने अपने बूढ़े पिता की तस्वीर घूम गई। मां की मौत के बाद पिताजी कैसे एक ही रात में बूढ़े, बहुत बूढ़े हो गए थे।

हालांकि मां के जाने के बाद सोलह साल तक पिताजी रहे, लेकिन सूखते हुए पौधे की तरह। मां के रहते हुए जिस पिताजी को मैंने कभी उदास नहीं देखा था, वो मां के जाने के बाद खामोश से हो गए थे।

परिवार के सभी लोगों ने ये बात महसूस की, लेकिन कभी पिताजी की उदासी दूर करने के लिए कोई कोशिश नहीं की। पति को पत्नी की बात पर पूरा विश्वास हो रहा था। सचमुच पौधे अकेले में सूख जाते हैं।

लाइफ मैनेजमेंट

आज के समय में पति-पत्नी में से किसी एक के जाने के बाद दूसरे का जीवन अकेला हो जाता है। जिस समय व्यक्ति को अपनेपन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उसी समय वो अपने परिवार में उपेक्षित महसूस करता है। इसलिए परिवार के बुजुर्ग लोगों के साथ समय बिताइए और उनका अकेलापन दूर कीजिए ताकि वो दूर रखे पौधे की तरह मुरझाएं नहीं।

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