अगर कबीर के समय स्टॉक मार्केट होता तो वे कुछ ऐसा ही कहते.
अगर कबीर के समय स्टॉक मार्केट होता तो वे कुछ ऐसा ही कहते.
तेजी मे इन्वेस्ट सब करें...
मंदी में करें न कोय....
जो मंदी में इनवेस्ट करें.....
सदा करें एन्जॉय ॥
तेजी मंदी दोनों चलें....
तभी मार्किट कहलाय ...
तेजी में बेचे न कोय...
मंदी आये घबराए ॥
आलसी - लालची और ऋणी
इस मार्किट में ना आये ...
काबू रहें न खुद के ...
मार्केट पे दोष लगाय ॥
cnbc सुन सुन के
मुआ पंडित भया ना कोय ...
सब्र और समझ से काम ले....
वही खिलाडी होय ॥
बॉटम बॉटम सब कहे
बॉटम बना न कोय
जब असल में बॉटम आये
रोकड़ा बचा न होय ॥
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