उम्मीदें तैरती रहती हैं...

उम्मीदें तैरती रहती हैं,
कश्तियॉं डूब जाती हैं
कुछ घर सलामत रहते हैं,
आँधियाँ जब भी आती हैं....


बचा ले जो हर तूफां से,
उसे “आस” कहते हैं
बड़ा मज़बूत है ये धागा, 

जिसे “विश्वास” कहते है।

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