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Showing posts from August, 2021

खुद को ढूँढे - बाकी सब कुछ गूगल पर है।

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  अंबानी आज सुबह अपने बंगले में Gold Coated मार्बल की डाइनिंग टेबल पर बैठे थे.  सामने चांदी की प्लेट व बाउल में, अनसाल्टेड स्प्राउटस्, बिना शक्कर की चाय पी रहे थे. फिर कुछ देर बाद......... अनसाल्टेड ओकरा (भिंडी) की एक सब्जी और बिन घी तेल की दो चपाती और गर्म खनिज पानी था।  7,000 करोड़ रुपये का घर, दस नौकरों को नाश्ता मिल रहा था, पचासों एसी चल रहे थे, गारेगर हवा दे रहे थे। इमारतों के नीचे से प्रदूषण का धुआं निकल रहा था। ऐसे माहौल में नाश्ता कर रहे थे अंबानी...  😊 वहीं दूर खलिहान में दूर कुएं की मेढ़ पर एक खेतिहर मजदूर बैठा था। वो छोले की तरी वाली सब्जी के साथ रोटी, हल्दी-मसाले में पकी भिंडी व साथ में अचार भी खा रहा था। मीठे में गुड़ और पीने के लिए बर्तन में ठंडा पानी था। सामने हरे - भरे खेत, शुद्ध हवा में लहराती फसलें, ठंडी हवाएं, चिड़ियों की चहचहाहट।  तथा  वह आराम से खा कर रहा था।  500 रुपए कमाने वाला एक खेतिहर मजदूर वह खा रहा था जो 7 अरब रुपए का मालिक नही खा पा रहा था।  अब बताओ इन दोनों में क्या अंतर था?  🤔 अंबानी 60 साल के थे और मजदूर भी 60 साल के थे।  नाश्ते के बाद अंबानी मधुमेह और ब

अपने लहजे पर गौर कर के बता...

 अपने लहजे पर गौर कर के बता... लफ्ज़ कितने हैं और तीर कितने हैं।

भरोसा खुद से....

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    भरोसा खुद से मत कहो किसी से की तुम चटक रहे हो.... टूट रही दरख्तों का अहसास न होने देना..... रिसते हुए जख्मों को न दिखाना आंसू, आखों से न गिराना..... सुना हैं टूटे घरों से लोग ईंट तक चुरा लेते है .... रिसते जख्मों पर नमक लगाते है जो खुद को शुभचिंतक कहते है....  सच्ची चिंता बही बढ़ाते हैं.... कितना भी खास क्यों न हो तेरा बस खुद से ही रिश्ता निभाना..... अपना दुःख दर्द किसी को न बताना ज़माना सहानुभूति ही दिया करता है..... और बक्त पर कन्नी काट लिया करता है..... मैं हु न ...... कहने वाले सबसे पहले खिसकते हैं बहाने मुंह पर तैयार रखते है.... मत रहना किसी मुगालते में शाख भी कमज़ोर पत्तों को.... बक्त पर छोड़ दिया करते है.....