दर्द में शिद्दत-ए-एहसास नहीं थी पहले ...


दर्द में शिद्दत-ए-एहसास नहीं थी पहले
ज़िन्दगी राम का बनवास नहीं थी पहले ....

हम भी सो जाते थे मासूम फरिश्तों की तरह
और ये रात भी हस्सास नहीं थी पहले .....

तेरी फुरक़त ही उदासी का सबब है अबके
तेरी क़ुरबत भी हमें रास नहीं थी पहले.....


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