कभी रो कर समझौता कर लिया... तो कभी हंस कर ख्वाहिशों को मार गए... लोग समझते रहें, हमें कद्र नहीं रिश्तों की... और हम रिश्ते बचाते-बचाते ख़ुद से ही हार गए....
तू अपनी खूबियां ढूंढ .... कमियां निकालने के लिए लोग हैं | अगर रखना ही है कदम.... तो आगे रख , पीछे खींचने के लिए लोग हैं | सपने देखने ही है ..... तो ऊंचे देख , निचा दिखाने के लिए लोग हैं | अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का , जलने के लिए लोग हैं | अगर बनानी है..... तो यादें बना , बातें बनाने के लिए लोग हैं| प्यार करना है.... तो खुद से कर , दुश्मनी करने के लिए लोग है | रहना है.... तो बच्चा बनकर रह , समझदार बनाने के लिए लोग है | भरोसा रखना है.... तो खुद पर रख , शक करने के लिए लोग हैं | तू बस सवार ले खुद को... आईना दिखाने के लिए लोग हैं | खुद की अलग पहचान बना.... भीड़ में चलने के लिए लोग है | तू कुछ करके दिखा दुनिया को...... बस कुछ करके दिखा , तालियां बजाने के लिए लोग हैं |
जो कह दिया वह शब्द थे ; जो नहीं कह सके वो अनुभूति थी ।। और, जो कहना है मगर ; कह नहीं सकते, वो मर्यादा है ।। जिंदगी का क्या है ? आ कर नहाया .... और, नहाकर चल दिए ।। बात पर गौर करना- ---- पत्तों सी होती है कई रिश्तों की उम्र, आज हरे-------! कल सूखे -------! क्यों न हम, जड़ों से; रिश्ते निभाना सीखें ।। रिश्तों को निभाने के लिए, कभी अंधा , कभी गूँगा , और कभी बहरा ; होना ही पड़ता है ।। बरसात गिरी और कानों में इतना कह गई कि---------! गर्मी हमेशा, किसी की भी नहीं रहती ।। नसीहत , नर्म लहजे में ही अच्छी लगती है । क्योंकि, दस्तक का मकसद, दरवाजा खुलवाना होता है; तोड़ना नहीं ।। घमंड-----------! किसी का भी नहीं रहा, टूटने से पहले, गुल्लक को भी लगता है कि ; सारे पैसे उसी के हैं । जिस बात पर , कोई मुस्कुरा दे; बात --------! बस वही खूबसूरत है ।। थमती नहीं, जिंदगी कभी, किसी के बिना ।। मगर, यह गुजरती भी नह
ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे.... सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे... गया तो इस तरह गया कि मुद्दतों नहीं मिला... मिला जो फिर तो यूँ कि वो मलाल में मिला मुझे... तमाम इल्म ज़ीस्त का गुज़िश्तगाँ से ही हुआ... अमल गुज़िश्ता दौर का मिसाल में मिला मुझे... हर एक सख़्त वक़्त के बाद और वक़्त है... निशाँ कमाल-ए-फ़िक्र का ज़वाल में मिला मुझे... निहाल सब्ज़ रंग में जमाल जिस का है 'मुनीर'... किसी क़दीम ख़्वाब के मुहाल में मिला मुझे....
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