एक दौर वो भी था...
एक दौर वो भी था...
धूप में लेंस लेकर कागज़ जलाने वाला नासा का वैज्ञानिक माना जाता था।
जिस लड़के को माउथ ऑर्गन बजाना आता था वो रॉकस्टार माना जाता था।
प्लास्टिक की डिस्पोजल में गोबर भर के उस में तार और छोटी बल्ब लगा के लाइट
पैदा करने वाले एडिसन कहलाते थे।
कुछ लड़के कालर चढाकर और हाथ मेँ रूमाल लपेट कर डॉन बना करते थे।
प्लास्टिक की बन्दूक को चलाने के बाद जेम्स बांड वाली फिलिंग बडी ही जोरदार
हुआ करती थी।
जो लड़का अगरबत्ती वाली थैली में पानी भर के आग में रख देता था और थैली नहीं जलती
थी उसे किसी वैज्ञानिक से कम नहीं समझा जाता था और गांव के बूढ़े तो उसे जादूगर ही
घोषित कर देते थे।
एक हाथ से गिरती चड्डी पकड़े दूसरे से साइकिल के टायर को गली में साइकिल से भी तेज घुमाते हुए दौड़ना भी मैराथन वाली फील देता था और अगले ही मोड़ पर पापा से सामना होते ही चड्डी और टायर दोनों जमीन पर मिलते थे और हाथ दोनों गालों पर।
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