कैसे कहे कुछ बातें ऐसी है
कैसे कहे कुछ बातें ऐसी है
कुछ एहसास तुम्हारे है
और कुछ ख्वाहिशें मेरी थी..
कुछ अरमान तुम्हारे थे
कुछ उलझने थी मेरी.
कुछ फासले तुम्हारे थे..
कैसे कहे वो राहें मेरी तुम्हारी थी,
पर यह इंतजार हमारे थे
कुछ भींगी सी पलकें थी मेरी
और कुछ आंसू उसमें तुम्हारे थे..
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