दुश्मन को भी सीने से लगाना नहीं भूले ....

 


दुश्मन  को  भी  सीने  से  लगाना  नहीं  भूले
हम  अपने  बुजुर्गों  का  ज़माना  नहीं  भूले .....

तुम  आँखों  की  बरसात  बचाए  हुए  रखना  
कुछ  लोग  अभी  आग  लगाना  नहीं  भूले  ....

ये  बात  अलग  हाथ  कलम  हो  गए  अपने  
हम  आप  की  तस्वीर  बनाना  नहीं  भूले  .....

इक  उम्र  हुई  मैं  तो  हँसी  भूल  चुका  हूँ   
तुम  अब  भी  मेरे  दिल  को  दुखाना  नहीं  भूले.....

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