हर बात तुम्हारी अच्छी है ...


 

मैं तुमसे बेहतर लिखता हूँ
पर जज्बात तुम्हारे अच्छे हैं !
मैं तुमसे बेहतर दिखता हूँ,
पर अदा तुम्हारी अच्छी हैं !
मैं खुश हरदम रहता हूँ,
पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं !
मैं अपने उसूलों पर चलता हूँ,
पर ज़िद तुम्हारी अच्छी हैं !
मैं एक बेहतर शख्सियत हूँ,
पर सीरत तुम्हारी अच्छी हैं
मैं आसमान की चाह रखता हूँ,
पर उड़ानें तुम्हारी अच्छी हैं !
मैं तुमसे बहुत बहस करता हूँ,
पर दलीलें तुम्हारी अच्छी हैं !
मैं तुमसे बेहतर गाता हूँ,
पर धुन तुम्हारी अच्छी हैं !
मैं गज़ल खूब कहता हूँ,
पर तकरीर तुम्हारी अच्छी हैं !
मैं कितना भी कुछ कहता रहूँ,
पर हर बात तुम्हारी अच्छी है !

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