याद है पहले रोज कहा था....

 


याद है पहले रोज कहा था
साथ चलो तो पूरे सफर तक
मर जाने की अगली खबर तक....

देखो फिर तुम छोड़ ना जाना
छोड़ गए तो फिर ना आना...
छोड़ दिया जो तेरा नही है
चला गया जो मेरा नही हैं....

याद है पहले रोज कहा था
या तो टूट के प्यार ना करना
या फिर पीठ पर वार ना करना....
जब नादानी हो जाती हैं
नई कहानी हो जाती है ....
नई कहानी लिख लाऊंगा
अगले रोज मैं बिक जाऊंगा...
तेरे गुल जब खिल जाएँगे
मुझको पैसे मिल जाएंगे....


याद हैं पहले रोज कहा था 🔥
बिछड़ गए तो मौज उड़ाना....
वापस मेरे पास ना आना
जब कोई जाकर वापस आए
रोए ,तड़पे या पछताए....
मैं फिर उसको मिलता नही हूँ
साथ दोबारा चलता नही हूँ.....
गुम जाता हूँ ,खो जाता हूँ
मैं पत्थर का हो जाता हूँ...

याद है पहले रोज कहा था....

Comments

Popular posts from this blog

तू अपनी खूबियां ढूंढ .... कमियां निकालने के लिए लोग हैं |

जो कह दिया वह शब्द थे...

ख़याल जिस का था मुझे ख़याल में मिला मुझे - मुनीर नियाज़ी