जिंदगी में समस्या होती ही नहीं ...
एक राजा ने एक सुंदर सा महल बनाया और महल के मुख्य द्वार पर एक गणित का सूत्र लिखवाया और घोषणा की, कि इस सूत्र से यह द्वार खुल जाएगा और जो भी सूत्र को हल करके द्वार खोलेगा मैं उसे अपना उत्तराधीकारी घोषित कर दूंगा।
राज्य के बड़े बड़े गणितज्ञ आये और सूत्र देखकर लोट गए, किसी को कुछ समझ नहीं आया, आख़री तारीख आ चुकी, उस दिन 3 लोग आये और कहने लगे हम इस सूत्र को हल कर देंगे, उसमें 2 तो दूसरे राज्य के बड़े गणितज्ञ थे जो अपने साथ बहुत सी गणित के सूत्रो की किताबों सहित आये थे, लेकिन एक व्यक्ति जो साधक की तरह नजर आ रहा था, वह कुछ भी साथ नहीं लाया था, उसने कहा मैं बैठा हूँ, यहीं पास में ध्यान कर रहा हूँ, अगर पहले ये दोनों महाशय कोशिश करके द्वार खोल दें तो मुझे कोई परेशानी नहीं, पहले इन्हें मौका दिया जाए, दोनों गहराई से सूत्र हल करने में लग गए ••• लेकिन नहीं कर पाये और हार मान ली।
अंत में उस साधक को ध्यान से जगाया गया और कहा गया कि आप सूत्र हल करिये ऑप का समय शुरू हो चुका है ••• साधक ने आँख खोली और सहज मुस्कान के साथ द्वार की और चला, द्वार को धकेला ••• और यह क्या द्वार खुल गया।
राजा ने साधक से पूछा आप ने ऐसा क्या किया ? साधक ने कहा जब मैं ध्यान में बैठा तो सबसे पहले अंतर्मन से आवाज आई कि पहले चेक कर लो कि सूत्र है भी या नहीं ! इसके बाद इसे हल करने की सोचना और मेने वही किया।
ऐसे ही कई बार हमारी जिंदगी में समस्या होती ही नहीं और हम विचारों में उसे इतनी बड़ी बना लेते हैं कि यह समस्या कभी हल नहीं होने वाली है, लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि हर समस्या का उचित इलाज आत्मा की आवाज है।
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