जो कह दिया वह शब्द थे ; जो नहीं कह सके वो अनुभूति थी ।। और, जो कहना है मगर ; कह नहीं सकते, वो मर्यादा है ।। जिंदगी का क्या है ? आ कर नहाया .... और, नहाकर चल दिए ।। बात पर गौर करना- ---- पत्तों सी होती है कई रिश्तों की उम्र, आज हरे-------! कल सूखे -------! क्यों न हम, जड़ों से; रिश्ते निभाना सीखें ।। रिश्तों को निभाने के लिए, कभी अंधा , कभी गूँगा , और कभी बहरा ; होना ही पड़ता है ।। बरसात गिरी और कानों में इतना कह गई कि---------! गर्मी हमेशा, किसी की भी नहीं रहती ।। नसीहत , नर्म लहजे में ही अच्छी लगती है । क्योंकि, दस्तक का मकसद, दरवाजा खुलवाना होता है; तोड़ना नहीं ।। घमंड-----------! किसी का भी नहीं रहा, टूटने से पहले, गुल्लक को भी लगता है कि ; सारे पैसे उसी के हैं । जिस बात पर , कोई मुस्कुरा दे; बात --------! बस वही खूबसूरत है ।। थमती नहीं, जिंदगी कभी, किसी के बिना ।। मगर, यह गुजरती भी नह
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