प्यार..... करना, जताना और निभाना... तीनो अलग अलग बाते है..

 


प्यार..... करना, जताना और निभाना... तीनो अलग अलग बाते है.. प्यार तो सभी करते ही है किसी ना किसी से.. बस जता और निभा नहीं पाते..
जो जता देते है वो निभा नहीं पाते और जो निभाने का सोचते है वो जता नहीं पाते ।।। 

अक्सर कहानियो का अंत ऐसा ही होता है.. कहानी इसलिए कहा है क्यूंकि उन्होंने प्रेंम को जताया या निभाया नहीं । ।  प्यार तो बस हो जाता है.. भीड़ भरी सड़क पे उसका हाथ थाम लेना.. बारिश आ जाए तो उसकी छतरी बंद कर उसे अपने छाते में खिंच लेना.. एक ही प्लेट में गोलगप्पे खाना.. टपरी पर फूंक मार मार कर उसको चाय ठंडी कर पिलाना..

उसके एक बार बुलाने पर भरी बारिश में भीग कर आना।

उसे थोड़ी सी दिक्कत होने पर ढेर सारी चिंता जताना। उसके एक बार कहने पर सारे काम छोड़कर कॉफी चाट गोलगप्पे पहुँचाना । अपने जरूरी काम छोड़कर उसके पास गए हो ये बात उनसे छिपाना। लाख बिजी होने पर भी फोन एक रिंग में उठाना कितना अच्छा लगता है न।

 जब आप इश्क़ में होते हो बस उन्ही के लिए जीते हो उन्ही की खुशी में हंसते हो उन्ही के दुःख में रोते हो.. !!
कंपकपाती ठंड में भी सुबह सुबह नहाकर मिलने जाना। लेट हो जाने पर 1 घण्टा दूर जाकर भी उसे घर पंहुचा कर आना.. यही सब प्यार जताना ही तो है । उसे बाइक के पीछे की सीट पर बैठाकर बेवजह सड़कों पर इधर उधर घुमाना।

निभाने वाला प्यार तो आजकल बहुत कम दिखता है.. अक्सर इसी वजह से कहानिया अधूरी सी रह जाती है.. और इन्ही सब की वजह से बड़े शायर ने कहा है की "खुशनसीब होते है वो लोग जिनका इश्क़ मुकम्मल होता है'" भाई हम तो कहते है की खुशनसीब होते है वो लोग जिन्हें इश्क़ होता है.. फिर चाहे इश्क़ ज़िन्दगी भर साथ रहे या ना रहे.. ज़िंदा रहने की वजह तो बन ही जाता है.. बस इश्क़ होना चाहिए.. फिर चाहे आप किसी के साथ भी रहे.. किसी के साथ ना होने की कसक होनी चाहिए.. जो वक़्त साथ गुज़ारा है अपने इश्क़ के.. उसी वक़्त के साथ ज़िन्दगी रहनी चाहिए ।। 

अमा जब हीर रांझा.. रोमियो जूलियट.. सोनी महिवाल प्यार करके ना मिल सके तो आप कहा से आए है.. बस आशिक़ो की परंपरा को बढ़ाते रहिए.. सबको उनका इश्क़ मिल जाए तो फिर इश्क़ को कोई पूछेगा भी नहीं.. इसलिए बस इश्क़ करिए.. चाहे ज़िन्दगी भर साथ रहे ना रहे बस करिए..इश्क़ बहुत खूबसूरत एहसास है ,लड़ना झगड़ना ,गुस्सा दिखाना, बहस करना ,फिर शाम से सुबह होते होते मिस करना कि ये बातें कैसे शेयर करूँ ,अच्छा ये भी बताना था ,अरे तो उसको पता ही नही मतलब अगर झगड़ कर बात चीत बन्द हो तो अजीब बेचैनियां रहती हैं ।

इश्क़ जो है न एक बड़ा खूबसूरत एहसास ।

एक बार कर के तो देखिए लाख लडोगी -झगड़ोगे ,पास ही रहोगे ,उसकी अनुपस्थिति में भी उसी से संवाद करोगे, उसकी तस्वीरों को देखकर भी अलग सुकून मिलेगा ।वो कहते हैं न जो प्रेम गली आया ही नही प्रियतम का ठिकाना क्या जाने ।

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