प्यास का प्रेम या प्रेम की प्यास

 


पुरुष ने किसी रात
गहरी नींद सोई स्त्री के कानों को छुआ
होठों को चूमा

स्त्री ने कहा"सोने दो न" और उसने आगोश फैला दिया आलिंगन में कस लिया पुरूष को
पुरुष ने मन भर पीया स्त्री को और करवट बदल कर सो गया

ऐसी ही किसी रात स्त्री ने नींद में कसमसाते पुरूष के कान छुए बालों में हाथ फिराया

पुरूष ने हाथ झटक दिया बड़बड़ाया, "सोने दो यार" और पीठ करके सो गया
स्त्री ने मन की करवट बदली सो गई

पुरुष के पास प्यास का प्रेम था और नदी भर स्त्री थी

स्त्री के पास  प्रेम की प्यास थी और बहते-बहते सूख जाना
नियति में लिखा था. . .

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