मैं और मेरी चाय...

 


आज सुबह सुबह फिर मेरा और मेरी चाय का झगड़ा हो गया,,,,
और वो फिर मुझसे रूठ गयी,
मैन पूछा क्या हुआ, क्यों ऐसे गर्म आहें भर रही हो ?
कहने लगी,,
तुम हमेशा ही ऐसा करते हो, एक घूंट के बाद मुझे टेबल पर एक ओर रख के भूल जाते हो,
और फिर जुट जाते हो अपनी कल्पनाओं में,,,,😏

अरे ऐसा नही है,,,, वो बस.....😐

क्या बस ? वो गुस्से में और ज्यादा लाल और गर्म हो रही थी ।

अरे भूला नही था तुम्हे, बस तुम्हे थोड़ा ठंडा कर रहा था,, यु सुबह सुबह तुम्हारी नाक पर इतना गुस्सा रहता है,, की तुम मेरा मुह ही जला दो ।😛

तुम रहने दो,, वैसे तो मैं तुम्हे गर्म ही पसंद हूँ, लेकिन सुबह सुबह न जाने किसका खयाल तुम्हे ले उड़ता है कि तुम मुझे भी भूलकर बस मोबाइल में  खिटीर-पिटिर में जुट जाते हो......! कोन है वो आखिर जो हर रोज सुबह तुम्हारे मेरे बीच आ जाता है ?......बताओ ?😡

बताऊं ??☺️

हां बताओ,, मैं भी देखूं कौन है वो😏

अरे........अच्छा तुम नाराज़ मत हो,,, तुम ही तो हो जो मेरे साथ साथ उसके खयालों को हर रोज़ सुबह जगाती हो,,
तुम्हारा पहला घूंट गले के नीचे उतरते ही मुझे उसका खयाल आता है, और मैं खो जाता हूँ अपनी कल्पनाओं में,, प्याले से उठती तुम्हारी गर्म भाफ़ कराती है मुझको अहसास मेरे चेहरे पर उसके हांथों के स्पर्श का,,

और ये जो मैं तुम्हे हर रोज़ भूल जाता हूँ टेबल पर एक ओर रखकर, ये मैं जानबूझ कर करता हूँ, ताकि तुम मुझसे नाराज हो सको,, मुझसे लड़ सको, झगड़ सको, मुझसे एक लंबी और बेवजह बहस कर सको,,
मुझसे रूठ सको,,,,,,
और फिर मैं तुम्हे समझाता फिरूँ,
कितनी अहम हो मेरे लिए ये बतलाता फिरूँ,
तुम्हे दोनों हंथेलियों में भरकर प्यार से मनाता फिरूँ,,,,,,,,,,🙃

तुम रहने दो,,,
बस यूं ही बातें बना लो,, कभी उस चुड़ैल का नाम मत बताना, उसका चेहरा मत दिखाना,, देखना एक दिन मैं इसी कप में ठंडी होकर जान दे दूँगी, तब समझ मे आएगी तुम्हे मेरी अहमियत😔

ए.........! सुनो,,, ऐसा मत बोलो.....
तुम और वो !
बस तुम दोनों ही तो मेरी ज़िंदगी,,, एक तो पहले ही रूठ कर जा चुकी है, अब तुम भी चली जाओगी तो कोन साथ देगा.....,तुम तो समझदार हो, इतना तपने के बाद कड़क तेज़ मीठी हुई हो,, तुम अगर मुझे छोड़कर जाओगी तो कोन सुबह सुबह मेरी जीभ जलाएगा,
दोपहर की नींद मेरी कौन भगाएगा,,,
शाम को अकेले में मेरे साथ छत पर ठहाके कौन लगाएगा,,
और पूरी रात जगकर कीबोर्ड पर खटर-पटर करते हुए मेरा साथ कौन निभाएगा ???.......

सुनो......! मान जाओ न💐

और इससे पहले वो गुस्से में ठंडी होकर अपना दम तोड़ती, मैने उसे अपने होंठों से लगा लिया,,,,,,..........

Comments

Popular posts from this blog

तू अपनी खूबियां ढूंढ .... कमियां निकालने के लिए लोग हैं |

रिश्ते जताने लोग मेरे घर भी आयेंगे...

How to Handle Failure?