तू एक बार लड़का बन कर तो देख...
लाड प्यार से ज्यादा जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया जाता है..
कितनी मुश्किल से कमाया जाता है पैसा..
बचपन से बस यही सिखाया जाता है..।।
तू लड़का है, तू किसी हाल मे रो नहीं सकता है..
खिलौना टूटे या दिल टूटे..
तू पलके भिगो नहीं सकता है..।।
किसी के दिल का नूर है तू..
किसी की मांग का सिंदूर है तू..
कौन समझेगा और किसे समझाएगा कि,
कितना थकान से चूर है तू..।।
तू तो मर्द है, रोकर दिखा नहीं सकता..
कितना भी टूटा हो दिल तेरा, तू आंसू बहा नही सकता..।।
तू दिन-रात, सुबह-शाम ख्वाहिशों की भट्ठी मे जलकर तो देख..
तू एक बार लड़का बनकर तो देख..।।
क्या तू देख पाएगा इस उम्र मे मां बाप को काम करते हुए,
या फिर देख पाएगा बीवी बच्चों को अभाव मे पलते हुए..।।
तुझे कृष्ण बनकर प्रेम का राग सुनाना पड़ेगा..
मन मे बसी हो राधा लेकिन रूक्मणी से ब्याह रचाना पड़ेगा..।।
तू अपनी इच्छाओं पर आदर्शों का चोला पहन कर तो देख..
तू एक बार लड़का बनकर तो देख..।।
🌷🙏
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