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Showing posts from 2020

मैं जिंदगी हू ...

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Mistakes....

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🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂 Mistakes.... Mistakes are not bad in themselves as we think it is! We all make Mistakes in life and at some point, we do regret after committing them.  But later you will realize that those same mistakes have opened some doors of opportunity for you to shine and to give out your best not to repeat those same mistakes.  Mistakes are prove for you to know you are trying. Don't give up then. Many things were invented out of a mistakes. Food items like Chocolate Chips,Ice Cream Cones,Potato Chips, few medicines and machines were all invented out of mistakes.  So if things don't work out in your life is just a bad day not a bad life. You don't know what it might produce tomorrow to better your life or humanity.  One of the best saying "Show me a person who has never made a Mistake and I will show you somebody who has never Achieved much". 🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂

धन के तीन ही उपयोग हो सकते है... 🙏

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🙏 धन के तीन ही उपयोग हो सकते है 🙏  1- संग्रह - इसका परिणाम मनुष्य का नाश है  2- भोग - इसका परिणाम रोग है 3- दान - इसका परिणाम मानसिक सुद्धि है। एक बच्चा दोपहर में मंदिर के सामने तपती सड़क पर नंगे पैर फूल बेच रहा था , लोग मोलभाव कर रहे थे एक सज्जन ने उसके पैर देखें बहुत दुखी हुए वह भाग कर पास ही की एक दुकान से जूते लेकर आये और कहा बेटा जूते पहन ले,  लड़के ने फटाफट जूते पहने ,बड़ा खुश हुआ और उस आदमी का हाथ पकड़ के कहने लगा  आप भगवान हो...?   वह आदमी घबरा कर बोला नहीं, नहीं बेटा, मैं भगवान नहीं, फिर लड़का बोला, जरूर आप भगवान के दोस्त होंगे... क्योंकि, मैंने कल रात ही भगवान से प्रार्थना की थी कि भगवानजी मेरे पैर बहुत जलते हैं , मुझे जूते ले करके दो ... वह आदमी आंखों में पानी लिए मुस्कुराता हुआ चला गया पर वो जान गया था कि भगवान का दोस्त बनना ज्यादा मुश्किल नहीं है कुदरत ने दो रास्ते बनाए हैं । (1)  देकर  जाओ (2)  या  फिर  छोड़  कर  जाओ साथ लेकर के जाने की कोई व्यवस्था नहीं है..!!    🙏🏽🙏🏻जय जय श्री राधे🙏🏼🙏

मैं जिंदगी हू ...

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🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂 मैंने कल एक झलक जिंदगी को देखा, वो मेरी राह में गुनगुना रही थी ...  मैं ढूंढ़ रहा था उसे इधर उधर, वो ऑंख मिचोली कर मुस्कुरा रही थी ...  एक अरसे के बाद आया मुझे करार, वो थपकी दे मुझे सुला रही थी ...  हम दोनों क्यों ख़फा हैं एक दुसरे से, मैं उसे और वो मुझे बता रही थी ... मैंने पुछा तूने मुझे इतना दर्द क्यों दिया ?  उसने कहाँ मैं जिंदगी हू ... "तुजे जीना सीखा रही थी" 🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂

जिन्हें अपने घरों में बच्चियां अच्छी नहीं लगती...

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🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂 ❛दरवाज़ों पे खाली तख्तियां अच्छी नहीं लगती,  मुझे उजड़ी हुई ये बस्तियां अच्छी नहीं लगती ! चलती तो समंदर का भी सीना चीर सकती थीं,  यूँ साहिल पे ठहरी कश्तियां अच्छी नहीं लगती ! खुदा भी याद आता है ज़रूरत पे यहां सबको,  दुनिया की यही खुदगर्ज़ियां अच्छी नहीं लगती ! उन्हें  कैसे  मिलेगी  माँ  के  पैरों  के तले  जन्नत,  जिन्हें अपने घरों में बच्चियां अच्छी नहीं लगती !❜ 🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂

चल करते हैं शुरुआत....

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🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂 ❛अप्रतिम संदेश❜ बरसात में एक घटना घटी। पेड़ पर से एक घोंसला हवा के थपेडे से अचानक गिर गया। गिर कर भी दोनों मौन बैठे रहे।   चिडा - "सुबह बात करते हैं" चिडी - "हाँ" रात गुजरने की राह दोनों देख रहे थे। सुबह का साफ वातावरण देख दोनों खुश हो गये। चिडा जोश से बोला- "क्या हम चलें ?  फिर से तिनके इकट्ठा करते हैं। "चिडी की आँख में पानी देखकर, चिडा बोला- "अरे पगली रो क्यों रही है ? गिराना उसके हाथ में हैं, पर बनाना तो अपने हाथ में हैं। और मदद कि राह देखने के लिये हम इंसान थोड़े ही हैं! चल करते हैं शुरुआत " और उन दोनो ने ऊँचे आसमान में छलाँग लगाई ... 🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂

भारतीय सेना 10 सर्वश्रेष्ठ अनमोल वचन: अवश्य पढें...

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भारतीय सेना 10 सर्वश्रेष्ठ अनमोल वचन: अवश्य पढें। इन्हें पढकर सच्चे गर्व की अनुभूति होती है... 1. मैं  तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा। - कैप्टन विक्रम बत्रा, परम  वीर चक्र 2. जो  आपके लिए जीवनभर का असाधारण रोमांच है, वो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी है। - लेह-लद्दाख राजमार्ग पर साइनबोर्ड (भारतीय सेना) 3. यदि  अपना शौर्य सिद्ध करने से पूर्व मेरी मृत्यु आ जाए तो ये मेरी कसम है कि मैं मृत्यु को ही मार डालूँगा। - कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे, परम  वीर चक्र, 1/11 गोरखा राइफल्स 4. हमारा  झण्डा इसलिए नहीं फहराता कि हवा चल रही होती है, ये हर उस जवान की आखिरी साँस से फहराता है जो इसकी रक्षा में अपने प्राणों का उत्सर्ग कर देता है। - भारतीय सेना 5. हमें  पाने के लिए आपको अवश्य ही अच्छा होना होगा, हमें पकडने के लिए आपको तीव्र होना होगा, किन्तु हमें जीतने के लिए आपको अवश्य ही बच्चा होना होगा। - भारतीय सेना 6. ईश्वर  हमारे दुश्मनों पर दया करे, क्योंकि हम तो करेंगे नहीं। - भारतीय सेना 7. हमारा  जीना हमारा संयोग है, हमारा प्यार हमारी पसंद है, हमा

Before Corona... During Corona..

1. Before Corona I was a longing for a salary hike, today I am longing for my salary 2. Before Corona I was longing for my promotion, today I am holding on to my position 3. Before Corona I was thinking about quitting my job, today I am strongly sticking to my job 4. Before corona I refused to carry my laptop to my home, today I have moved my office to my home 5. Before Corona I was planning for a long vacation, today I am waiting to go back to my workstation 6. Before Corona I was waiting for a weekend, today I am waiting when will corona end 7. Before Corona I was using video call to say hi to my friends and relatives, today I am on a video call with my neighbours too 8. Before Corona I was dressed for the occasion, today there are no occasions to dress 9. Before Corona I was worried about the future, today I am worried about the present  An invisible virus has changed the way we think and live

25 Years Ago....

25 years ago, everyone wanted to have children. Today many people are afraid of having children. 25 years ago, children respected their parents. Now parents have to respect their children. 25 years ago, marriage was easy but divorce was difficult. Nowadays it is difficult to get married but divorce is so easy. 25 years ago , we got to know all the neighbors. Now we are strangers to our neighbors. 25 years ago, people had to eat a lot because they needed the energy to work hard. Now we are afraid to eat fatty foods for fear of the cholesterol. 25 years ago, villagers were flocking to the city to find jobs. Now the town people are fleeing from the stress to find peace. 25 years ago, everyone wanted to be fat to look happy ... Nowadays everyone diets to look healthy. 25 years ago, rich people pretended to be poor. Now the poor are pretending to be rich. 25 years ago, only one person worked to support the whole family. Now all have to work to support one child. 25 years ago , peopl

बस इसी का नाम ज़िन्दगी है ....

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कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें... कुछ खोए हुए सपने है, कुछ अनसुनी आहटें... कुछ दर्द भरे लम्हे है, कुछ सुकून भरे लम्हात... कुछ थमे हुए तूफ़ाँ हैं, कुछ मद्धम सी बरसात... कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ हैं, कुछ नासमझ इशारे... कुछ ऐसे मंझधार हैं, जिनके मिलते नहीं किनारे... कुछ उलझनें है राहों में, कुछ कोशिशें बेहिसाब.... बस इसी का नाम ज़िन्दगी है चलते रहिये, जनाब...

ऐ मेरे दोस्त तू आँसू बहाता क्यों है....

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ऐ मेरे दोस्त तू आँसू बहाता क्यों है,  जहाँ तेरी कद्र ना हो उस गली जाता क्यों है?   तू खुद ही ज़िम्मेदार है अपनी रुसवाई का,  आखिर ग़ैरों की बातों में आता क्यों है?  कड़वा ही सही मगर सच बोलना सीख,  बेमतलब यूं बहाने बनाता क्यों है?  तू तो कहता है कि तू हमदर्द है मेरा,   मदद करके फिर एहसान जताता क्यों है?  जब ग़म-ए-मोहब्बत से परहेज़ ही करना है,  तो ख़ामख़ाह किसी से दिल लगाता क्यों है?  इन्हें तो बस मज़ा लेने में मज़ा आता है,  ज़माने भर को अपने ज़ख्म दिखाता क्यों है?  अरे कुछ तो सबक लिया कर अपनी गलतियों से,  हर बार वही गलतियां दौहराता क्यों है?  ये लोग जलते हैं तुझे ख़ुश होता देखकर,  यूं बेवजह मुस्कुराकर इन्हें जलाता क्यों है?

मैंने कल एक झलक जिंदगी को देखा....

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🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂 मैंने कल एक झलक जिंदगी को देखा, वो मेरी राह में गुनगुना रही थी ...  मैं ढूंढ़ रहा था उसे इधर उधर, वो ऑंख मिचोली कर मुस्कुरा रही थी ...  एक अरसे के बाद आया मुझे करार, वो थपकी दे मुझे सुला रही थी ...  हम दोनों क्यों ख़फा हैं एक दुसरे से, मैं उसे और वो मुझे बता रही थी ... मैंने पुछा तूने मुझे इतना दर्द क्यों दिया ?  उसने कहाँ मैं जिंदगी हू ... "तुजे जीना सीखा रही थी" 🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂

मनुष्य है ही ऐसा.....

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मनुष्य है ही ऐसा..      लक्ष्य भी है, मंज़र भी है, चुभता मुश्किलों का, खंज़र भी है !!      प्यास भी है, आस भी है, ख्वाबो का उलझा, एहसास भी है !!     रहता भी है, सहता भी है, बनकर दरिया सा, बहता भी है!!     पाता भी है, खोता भी है, लिपट लिपट कर फिर, रोता भी है !!     थकता भी है, चलता भी है, मोम सा दुखों में, पिघलता भी है !!     गिरता भी है, संभलता भी है, सपने फिर से नए, बुनता भी है !!         मनुष्य है ही ऐसा..

जिंदगी क्या है......

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कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में; ये जिंदगी है यारों, पल पल घटेगी !! पाने को कुछ नहीं, ले जाने को कुछ नहीं; फिर भी क्यों चिंता करते हो, इससे सिर्फ खूबसूरती घटेगी, ये जिंदगी है यारों पल-पल घटेगी! बार बार रफू करता रहता हूँ, ..जिन्दगी की जेब !! कम्बखत फिर भी, निकल जाते हैं..., खुशियों के कुछ लम्हें !! ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही... ख़्वाहिशों का है !! ना तो किसी को गम चाहिए, ना ही किसी को कम चाहिए !! खटखटाते रहिए दरवाजा... एक दूसरे के मन का; मुलाकातें ना सही, आहटें आती रहनी चाहिए !! उड़ जाएंगे एक दिन ... तस्वीर से रंगों की तरह ! हम वक्त की टहनी पर..... बेठे हैं परिंदों की तरह !! बोली बता देती है,इंसान कैसा है! बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है! घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है। संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !! ना राज़ है... "ज़िन्दगी", ना नाराज़ है... "ज़िन्दगी"; बस जो है, वो आज है, ज़िन्दगी! जीवन की किताबों पर, बेशक नया कवर चढ़ाइये; पर...बिखरे पन्नों को, पहले प्यार से चिपकाइये !!

'भारत' में रहकर 'भारत' को गाली देने वाले कुत्तों के लिए समर्पित कहानी....

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एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था। उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था। कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था। वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था। मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी। वह भी डूबेगा और दूसरों को भी ले डूबेगा। परन्तु कुत्ता अपने स्वभाव के कारण उछल-कूद में लगा था। ऐसी स्थिति देखकर बादशाह भी गुस्से में था, पर कुत्ते को सुधारने का कोई उपाय उन्हें समझ में नहीं आ रहा था। नाव में बैठे दार्शनिक से रहा नहीं गया। वह बादशाह के पास गया और बोला : "सरकार। अगर आप इजाजत दें तो मैं इस कुत्ते को भीगी बिल्ली बना सकता हूँ।"  बादशाह ने तत्काल अनुमति दे दी। दार्शनिक ने दो यात्रियों का सहारा लिया और उस कुत्ते को नाव से उठाकर नदी में फेंक दिया।  कुत्ता तैरता हुआ नाव के खूंटे को पकड़ने लगा। उसको अब अपनी जान के लाले पड़ रहे थे। कुछ देर बाद दार्शनिक ने उसे खींचकर नाव में चढ़ा लिया। वह कुत्ता चुपके से जाकर एक कोने मे

चाय सिर्फ़ चाय ही नहीं होती...

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चाय सिर्फ़ चाय ही नहीं होती... ✍🏻 जब कोई पूछता है "चाय पियेंगे" तो बस नहीं पूछता वो तुमसे दूध, चीनी और चायपत्ती को उबालकर बनी हुई  एक कप चाय के लिए।✍🏻 वो पूछता हैं... क्या आप बांटना चाहेंगे कुछ चीनी सी मीठी यादें कुछ चायपत्ती सी कड़वी दुःख भरी बातें..!✍🏻 वो पूछता है.. क्या आप चाहेंगे बाँटना मुझसे अपने कुछ अनुभव, मुझसे कुछ आशाएं कुछ नयी उम्मीदें..?✍🏻 उस एक प्याली चाय के साथ वो बाँटना चाहता है अपनी जिंदगी के वो पल तुमसे जो अनकही है अबतक दास्ताँ जो अनसुनी है अबतक✍🏻 वो कहना चाहता है.. तुमसे तमाम किस्से जो सुना नहीं पाया  अपनों को कभी..✍🏻 एक प्याली चाय के साथ को अपने उन टूटे और खत्म हुए ख्वाबों को एक बार और  जी लेना चाहता है।✍🏻 वो उस गर्म चाय की प्याली  के साथ उठते हुए धुओँ के साथ कुछ पल को अपनी सारी फ़िक्र उड़ा देना चाहता है ✍🏻 इस दो कप चाय के साथ  शायद इतनी बातें दो अजनबी कर लेते हैं जितनी तो अपनों के बीच भी नहीं हो पाती।✍🏻 तो बस जब पूछे कोई अगली बार तुमसे  "चाय पियेंगे..?" ✍🏻 तो हाँ कहकर  बाँट लेना उसके साथ अपनी चीनी सी मीठी यादें और चायपत्ती सी कड़व

फिर मनाएगा कौन ???????

मैं रूठा ,       तुम भी रूठ गए            फिर मनाएगा कौन ? आज दरार है ,            कल खाई होगी                 फिर भरेगा कौन ? मैं चुप ,      तुम भी चुप            इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ? छोटी बात को लगा लोगे दिल से ,            तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ? दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर ,                     सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ? न मैं राजी ,        न तुम राजी ,    फिर माफ़ करने का बड़प्पन                                        दिखाएगा कौन ? डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,         तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ? एक अहम् मेरे ,        एक तेरे भीतर भी ,                 इस अहम् को फिर हराएगा कौन ? ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?               फिर इन लम्हों में अकेला                                      रह जाएगा कौन ? मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन            एक ने आँखें....                 तो कल इस बात पर फिर                                       पछतायेगा कौन ?  _Respect Each Other_                 _Ignore Mistakes_                                      _Avoid Ego_

कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं...

कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं।। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं।। नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं।। बहुत ऊँची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी। मगर मज़दूर माँगेगा तो सिक्के बोल जाते हैं।। अगर मखमल करे गलती तो कोई कुछ नहीँ कहता। फटी चादर की गलती हो तो सारे बोल जाते हैं।। हवाओं की तबाही को सभी चुपचाप सहते हैं। च़रागों से हुई गलती तो सारे बोल जाते हैं।। बनाते फिरते हैं रिश्ते जमाने भर से अक्सर हम मगर घर में जरूरत हो तो रिश्ते भूल जाते हैं।।   कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं।। .

The Vulture & the little Girl

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👆🏼👆🏼Remember the picture? The name of the picture was "The vulture & the little girl. In the picture, a vulture is waiting for the death of a hungry little girl. Kevin Carter, a South African photojournalist, captured the March 1993 famine in Sudan. He was awarded the "Pulitzer Prize" for the film. But Carter committed suicide at the age of 33, despite receiving so much respect. But what was the reason for suicide? In fact, when he was busy celebrating such a great honor at the time, the news of his receiving the award was being shown on various TV channels, at that time someone asked in a phone interview what happened to the girl in the end? Carter replied that he could not say because he was in a hurry to catch his flight. "How many vultures were there?" He asked again. "I think there was one," Carter said. The man on the other end of the phone said, "I'm saying there were two vultures that day, one of them with a camer

जो कह दिया वह शब्द थे...

जो कह दिया वह शब्द थे ;       जो नहीं कह सके               वो अनुभूति थी ।। और,       जो कहना है मगर ;            कह नहीं सकते,                    वो मर्यादा है ।। जिंदगी का क्या है ?             आ कर नहाया ....                       और,              नहाकर चल दिए ।। बात पर गौर करना- ---- पत्तों सी होती है          कई रिश्तों की उम्र,  आज हरे-------! कल सूखे -------! क्यों न हम,  जड़ों से;  रिश्ते निभाना सीखें ।। रिश्तों को निभाने के लिए,  कभी अंधा , कभी   गूँगा ,     और कभी बहरा ;             होना ही पड़ता है ।। बरसात गिरी  और कानों में इतना कह गई कि---------! गर्मी हमेशा,  किसी की भी नहीं रहती ।। नसीहत ,                नर्म लहजे में ही अच्छी लगती है । क्योंकि,  दस्तक का मकसद,     दरवाजा खुलवाना होता है;                           तोड़ना नहीं ।। घमंड-----------!  किसी का भी नहीं रहा,  टूटने से पहले, गुल्लक को भी लगता है कि ; सारे पैसे उसी के हैं । जिस बात पर , कोई   मुस्कुरा दे; बात --------! बस वही खूबसूरत है ।। थमती नहीं,  जिंदगी कभी,  किसी के बिना ।। मगर,  यह गुजरती भी नह

मेरा हिसाब कर दीजिये....

लिपिका जी डाक्टर साहब के क्लिनिक पर भागी भागी गईं, थोड़ी घबराई हुई थोड़ी सहमी हुई उनके चेहरे पर कुछ बुरा होने के आसार दिखाई दे रहे थे। डाक्टर साहब की उनपर नज़र पड़ी तो डाक्टर को लगा कि इस औरत को इंतज़ार में लगे बाक़ी पेशंट से पहले इलाज होना चाहिये, अपने नियम को भूलकर डाक्टर साहब ने उन्हें पहले बुलवा लिया। "जी, क्या प्राब्लम है आपकी?" डाक्टर साहब ने निहायत संजीदगी से पूछा जो संजीदगी वह अपने खास पेशंट को ही दिखाते थे। "डाक्टर साहब, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.. प्राब्लम मेरे हसबैंड में हैं मुझे लगता है कि वो मानसिक रोगी होते जा रहे हैं।" लिपिका जी ने इत्मीनान से जवाब दिया। "अच्छा, क्या करते हैं? आप पर हाथ उठाते हैं या आपके साथ मिसबिहेव करते हैं?" डाक्टर साहब ने पूछा। "नहीं नहीं, हाथ तो अभी तक नहीं उठाया है और न ही कभी ऐसी हिम्मत हुई पर धमकियां देते हैं और साथ ये भी कहते हैं कि "मेरा हिसाब कर दो".. "मेरा हिसाब कर दो।" ..ये कहते ही लिपिका जी ख़ामोश हो गईं। "आप परेशान न हों, कहां हैं आपके हसबैंड साथ नहीं लाए आप उनको?" डाक्टर सा

एक आँसू बोल पड़ा....

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एक आँसू बोल पड़ा, किस की खातिर इतना रोते हो.. क्या गम है तुझकों, कि सारी रात जागते रहते हो.. किसी बात की फिक्र हैं तुम्हें, क्यों इतना डरते हो... क्यों तन्हा,क्यों बेचैन, क्यों इतना खामोश रहते हो.. हो कोई गम तो बांट लो मुझसे, अपना दोस्त समझ कर... क्यों इस रंगीन दुनियां में तुम, यूँ सुने सुने से रहते हो... रखते हो सबकों खुश, फिर क्यों ख़ुद दुःखी रहते हो... ऐसी क्या बात लगी है दिल पर, जो ख़ुद तन्हा सहते हो... क्या कहूँ ए आँसू, अब सब कुछ गवारा लगता है... जो सब था कभी अपना, अब सब पराया लगता है... दिखावे की हे ये दुनियां, यहां सब फ़रेब के रिश्ते है... जो रोशन करता है सबकों, उसी से ये लोग जलते है... कर बैठा मैं भी ये गुनाह, सबकों खुशियां बांट दी... मैंने तो अपनी ज़िंदगी, इन्ही की खुशियों में काट दी...

UNIQUE VILLAGES IN INDIA

UNIQUE VILLAGES IN INDIA:- __________________________ 01. SHANI SHIGNAPUR, Maharashtra. All Houses in the entire village are without Doors.  Even No Police Station.  No Thefts. 02. SHETPHAL, Maharashtra. Villagers have SNAKES in every family as their family members.  03. HIWARE BAZAR, Maharashtra. Richest Village in India.  60 Millionaires.  No one is poor  Highest GDP. 04. PUNSARI, Gujrat. Most modern Village.  All Houses with CCTV & WI-FI.  All street lights are Solar Powered. 05. JAMBUR, Gujarat. All villagers are Indians Still all look like Africans.  Nicknamed as African Village.  06. KULDHARA, Rajasthan. Haunted village.  No one lives there.  A village without villagers All Houses are abandoned.  07. KODINHI, Kerela. Village of TWINS.  More than 400 Twins.  08. MATTUR, Karnataka. Village with 100% SANSKRIT speaking villagers in their normal day to day conversation.  09. BARWAAN KALA, Bihar. Village of Bachelors.  No marriage since last 50 years. 10. MAWLYNNONG, Meghalaya. Cle

🥃 🥃 मुझे शराब से महोब्बत नही है...

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🥃 🥃  मुझे शराब से महोब्बत नही है... महोब्बत तो उन पलो से है.... जो शराब के बहाने मैं.... दोस्तो के साथ बिताता हूँ..... 🥃🥃  शराब तो ख्वामखाह ही बदनाम है. नज़र घुमा कर देख लो इस दुनिया में शक्कर से मरने वालों की तादाद बेशुमार हैं! 🥃🥃 तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर, जिंदगी के तजुर्बे, शराब से भी कड़वे होते है ! 🥃🥃 कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में साहब  सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता!                                                                 l🥃🥃 "बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा बदनाम हो गया" ! "देता जब तक अपनी सफाई  वो खुद शराब हो गया" ! 🥃🥃 ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो, कुछ  आदतें बुरी भी सीख ले गालिब ..... ऐब न हों तो, लोग  महफ़िलों में नहीं बुलाते..... अभी तो सेनेटाइजर का जमाना है....  वो भी शराब का ही भाई है...  फर्क बस इतना है...  शराब अंदर से साफ करती है...  और सेनेटाइजर बाहर से.... 🥃👌🏻🥃 चिअर्स 🍺👌🏻🍺

Don’t know why Dad is always lagging behind.

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Don’t know why Dad is always lagging behind. 1. Mom carries for 9 months, Dad carries for 25 years, both are equal, still don’t know why Dad is lagging behind. 2. Mother works without pay for the family, Dad spends all his pay for the family, both their efforts are equal, still don’t know why Dad is lagging behind. 3. Mom cooks whatever you want, Dad buys whatever you want, both their love is equal, but Mom’s love is shown as superior. Don’t know why Dad is lagging behind. 4. When you talk over the phone, you want to talk to Mom first, if you get hurt, you cry ‘Mom’. You will only remember dad when you need him, but did Dad never feels bad that you don’t remember him the other times? When it comes to receiving love from children, for generations, don’t know why Dad is lagging behind. 5. Cupboards will be filled with colorful sarees and many clothes for kids but Dad’s clothes are very few, he doesn’t care about his own needs, still don’t know why Dad is lagging behind. 6. Mom has

ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात पता है....

तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है... और तू मेरे गांव को गँवार कहता है .... ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात पता है.... तू चुल्लू भर पानी को भी वाटर पार्क कहता है.... थक  गया है हर शख़्स काम करते करते .... तू इसे अमीरी का बाज़ार कहता है... गांव  चलो वक्त ही वक्त है सबके पास .... तेरी सारी फ़ुर्सत तेरा इतवार कहता है ..... मौन  होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहे हैं .... तू इस मशीनी दौर  को परिवार कहता है .... जिनकी सेवा में खपा  देते थे जीवन सारा.... तू उन माँ बाप  को अब भार कहता है ..... वो मिलने आते थे तो कलेजा साथ लाते थे.... तू दस्तूर  निभाने को रिश्तेदार कहता है .... बड़े-बड़े मसले हल करती थी पंचायतें ..... तु अंधी भ्रष्ट दलीलों को दरबार कहता है .... बैठ जाते थे अपने पराये सब बैलगाडी में .... पूरा परिवार  भी न बैठ पाये उसे तू कार कहता है .... अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं ..... तू इस नये दौर  को संस्कार कहता है .....

खता मत गिन दोस्ती में...

"खता मत गिन दोस्ती में, कि किसने क्या गुनाह किया ..." "दोस्ती तो एक नशा है, जो तूने भी किया और मैंने भी किया ..." मिली हैं रूहें तो, रस्मों की बंदिशें क्या हैं..... यह जिस्म तो ख़ाक हो जाना है, फिर रंजिशें क्या है.....  हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में...!! कुछ दर्द चले जाते है, दोस्तो के साथ मुस्कुराने मे......

ज़िंदगी में पहले ऐसा पंगा नहीं देखा।

ज़िंदगी में पहले ऐसा पंगा नहीं देखा। हवा शुद्ध है पर मास्क पहनना अनिवार्य है।  सड़कें खाली हैं पर लॉन्ग ड्राइव पर जाना नामुमकिन है। लोगों के हाथ साफ हैं पर हाथ मिलाने पर पाबंदी है। दोस्तों के पास साथ बैठने के लिए वक़्त है पर उनके दरवाजे बंद हैं। गंगा का पानी साफ हो गया है पर उसे पीना किस्मत में नहीं है! पार्क खाली हैं पर पेड़ों के पीछे प्रेमी जोड़े कसरत नहीं कर सकते। अपने अंदर का कुक दीवाना हुआ पड़ा है पर किसी को खाने पर बुला नहीं सकते। सोमवार को भी ऑफिस जाने के लिए दिल मचल रहा है पर ऑफिस में लंबा वीकेंड है। जिनके पास पैसे हैं उनके पास खर्च करने के रास्ते बंद हैं। जिनके पास पैसे नहीं हैं उनके पास कमाने के रास्ते बंद हैं। पास में समय ही समय है लेकिन अधूरी ख्वाहिशें पूरी नहीं कर सकते। दुश्मन जगह-जगह है पर उसे देख नहीं सकते। कोई अपना दुनिया छोड़कर चला जाए तो उसे छोड़ने जा भी नहीं सकते। है तो सब-कुछ पर कुछ कर नहीं सकते।

वो बचपन...

पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें । पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था । "पुस्तक के बीच विद्या , पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था"।  कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था । हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था ! माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी , न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी ।  सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे ।     एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं , यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं ।     स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था , दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है ? पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी ,      "पीटने वाला और पिटन

तुमने कहा था हम एक ही हैं तो अपने बराबर कर दो ना....

तुमने कहा था हम एक ही हैं तो अपने बराबर कर दो ना.. नैपी जब मैं बदलती हूं तुम दूध की बोतल भर दो ना... बस यूं ही एक हैं एक हैं  करके कहां ज़िंदगी चलती है.. कभी तुम भी सर दबा दो मेरा, ये भी कमी एक खलती है... जब मैं भी ऑफिस जाती हूं, तुम भी घर को संवार दो ना.. तुमने कहा था हम एक ही हैं तो अपने बराबर कर दो ना... मत करो वादे जन्मों के, इस पल ख़ुशी की वजह दो ना.. कभी बाज़ारों से ध्यान हटे, तो मकान को घर भी कर दो ना... आओ पास बैठो, कुछ बातें करें, कभी दिल के ज़ख्म भी भर दो ना... क्यों कहना भी पड़ता है ये, तुम एहसासों को समझो ना... तुमने कहा था हम एक ही हैं तो अपने बराबर कर दो ना... तुम क्रिकेट भी अपनी देखो और मैं सीरियल अपना लगाऊंगी... थोड़ा हाथ बंटा देना, मैं जब किचन में जाऊंगी.... सब मिलकर साथ करने की हममें ये भी तो क्वॉलिटी है... हम साथ खड़े हैं इक-दूजे के, हल ही जेंडल इक्वॉलिटी है... तुम भी नए से हो जाओ अब, और नई सी मुझको उमर दो ना.. तुमने कहा था हम एक ही हैं तो अपने बराबर कर दो ना....

स्नान कब और कैसे करें..

स्नान कब और कैसे करें घर की समृद्धि बढ़ाना हमारे हाथ में है। सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए हैं।🌹🙏 🌷 1.  मुनि स्नान। जो सुबह 4 से 5 के बीच किया जाता है। 2.  देव स्नान। जो सुबह 5 से 6 के बीच किया जाता है। 3.  मानव स्नान। जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है। 4.  राक्षसी स्नान। जो सुबह 8 के बाद किया जाता है। 🔵🔴 ▶मुनि स्नान सर्वोत्तम है। ▶देव स्नान उत्तम है। ▶मानव स्नान सामान्य है। ▶राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है। 🔶 मुनि स्नान ....... 👉🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विद्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है। देव स्नान ...... 👉🏻 आप के जीवन में यश , कीर्ती , धन, वैभव, सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है। मानव स्नान..... 👉🏻काम में सफलता ,भाग्य, अच्छे कर्मों की सूझ, परिवार में एकता, मंगलमय , प्रदान करता है। राक्षसी स्नान..... 👉🏻 दरिद्रता , हानि , क्लेश ,धन हानि, परेशानी, प्रदान करता है । किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नहीं करना चाहिए। . पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे। 🍂🏵 खास कर जो घर की स्त्री होती थी।* चाहे वो स्त्री माँ के र

Very rare collection.....

Very  rare  collection..... .         पैर  की  मोच                  और             छोटी   सोच ,               हमें   आगे           बढ़ने   नहीं   देती ।  😔😔😔😔😔😔😔😔           टूटी   कलम                    और           औरो   से   जलन ,          खुद   का   भाग्य           लिखने   नहीं   देती ।  😔😔😔😔😔😔😔😔            काम   का   आलस                     और             पैसो   का   लालच ,                 हमें   महान             बनने   नहीं   देता ।  😔😔😔😔😔😔😔😔 👌दुनिया   में   सब   चीज              मिल   जाती   है,......       केवल   अपनी   गलती              नहीं   मिलती.. 😔😔😔😔😔😔😔😔 " जितनी   भीड़ ,      बढ़   रही        ज़माने   में........।          लोग   उतनें   ही ,            अकेले   होते              जा   रहे   हैं......।।। 😔😔😔😔😔😔😔😔 इस   दुनिया   के    लोग   भी   कितने       अजीब   है   ना ;           सारे   खिलौने              छोड़   कर                 जज़बातों   से                    खेलते   हैं........ 😔😔😔😔😔😔😔😔 किनारे   पर   तैरने   वाली    ला

दुनिया में यूँ ही होता है...

🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃 ...दुनिया में यूँ ही होता है... जब जब दर्द का बादल छाया, जब गम का साया लहराया... जब आँसू पलकों तक आया,  जब ये तनहा दिल घबराया... हमने दिल को ये समझाया,  दिल आखिर तू क्यों रोता है... ...दुनिया में यूँ ही होता है... ये जो गहरे सन्नाटे हैं, वक्त ने सब को ही बांटे हैं... थोडा गम है सबका किस्सा, थोड़ी धुप है सब का हिस्सा... आँख तेरी बेकार ही नम है,  हर पल एक नया मौसम है... क्यूँ तू ऐसे पल खोता है, दिल आखिर तू क्यूँ रोता है... ...दुनिया में यूँ ही होता है... 🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃

छोड़ो मुझे क्या....

🌺 मैं ताउम्र दुसरो को परेशान देख  ये कहता रहा......छोड़ो मुझे क्या .... सड़क पर भूखे बच्चे को देख ये सोचता रहा.....छोड़ो मुझे क्या .... कल सड़क पर मेरी घायल माँ  मदद के लिए चीखती रही, मैं एक शख्स की बात सुन कर रो पड़ा जब उसने कहा......छोड़ो मुझे क्या....

उम्मीदें कमज़ोर कर देती है....

🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃 एक बादशाह सर्दियों की शाम जब अपने महल में दाखिल हो रहा था तो एक बूढ़े दरबान को देखा जो महल के सदर दरवाज़े पर पुरानी और बारीक वर्दी में पहरा दे रहा था।  बादशाह ने उसके करीब अपनी सवारी को रुकवाया और उस बूढ़े दरबान से पूछने लगा ; "सर्दी नही लग रही ?" दरबान ने जवाब दिया "बोहत लग रही है हुज़ूर ! मगर क्या करूँ, गर्म वर्दी है नही मेरे पास, इसलिए बर्दाश्त करना पड़ता है।" "मैं अभी महल के अंदर जाकर अपना ही कोई गर्म जोड़ा भेजता हूँ तुम्हे।" दरबान ने खुश होकर बादशाह को फर्शी सलाम किया और आजिज़ी का इज़हार किया।  लेकिन बादशाह जैसे ही महल में दाखिल हुआ, दरबान के साथ किया हुआ वादा भूल गया।  सुबह दरवाज़े पर उस बूढ़े दरबान की अकड़ी हुई लाश मिली और करीब ही मिट्टी पर उसकी उंगलियों से लिखी गई ये तहरीर भी ; "बादशाह सलामत ! मैं कई सालों से सर्दियों में इसी नाज़ुक वर्दी में दरबानी कर रहा था, मगर कल रात आप के गर्म लिबास के वादे ने मेरी जान निकाल दी।" सहारे इंसान को खोखला कर देते है और उम्मीदें कमज़ोर कर देती है।  अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, 

What's up व्रत कथा

.                What's up व्रत कथा एक सुंदर 🏢🏬🏣🏤 शहर था। वहाँ एक सुंदर स्त्री 👩🏻‍🦰रहती थी वह घरेलू परेशानियों से तंग और बच्चों की शिक्षा को लेकर बहुत परेशान रहती थी परंतु कड़ी मेहनत करती थी 🙋 जिम्मेदारी का बोझ, अकेलेपन से बीमार पड़ गई थी। बीपी, शुगर ने शरीर में धर कर लिया था और हंसी, खुशी, आनंद सब गायब हो गया था। फिर एक दिन एक सहेली ने उसे स्मार्टफोन उपहार में दिया। उसने व्हाट्सएप से दोस्तों के साथ संवाद करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में उसकी सारी रिपोर्ट सामान्य आ गई। बैठे बैठे बी.पी. शक्कर सब नार्मल होने लगी वह आनंद से व्हाट्सएप व्रत की सफलता की कहानी सबको बताने लगी।   उसकी एक सहेली थी, उसने कहा मुझे भी बताओ, यह व्रत कैसे किया जाता है और इसके करने से क्या फल मिलता है। मैं भी यह व्रत करूंगी। महिला ने कहा, हर सुबह उठने के साथ इस भगवान के दर्शन कर जीएम (Good Morning), जीएन (Good Night) का समय-समय पर जाप करना चाहिए। समय- ⏱ समय पर भगवान के दर्शन कर मन को शुद्ध करें। एक ग्रुप के व्हाट्सएप मैसेज को पूरी भक्ति भावना से दूसरे ग्रुप में अर्पण करें। गुस्सा 😡 नहीं करें, रुठें नह

आखिर अंतर रह ही गया !

आखिर अंतर रह ही गया ! 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔 1) बचपन में जब हम रेल की सवारी  करते थे, माँ घर से खाना बनाकर ले जाती थी, पर रेल में कुछ लोगों को जब खाना खरीद कर खाते देखते, तब बड़ा मन करता था कि हम भी खरीद कर खाएँ!  पिताजी ने समझाया- ये हमारे बस का नहीं! ये तो अमीर लोग हैं जो इस तरह पैसे खर्च कर सकते हैं, हम नहीं!                    बड़े होकर देखा, जब हम खाना खरीद कर खा रहे हैं, तो "स्वास्थ सचेतन के लिए", वो लोग घर का भोजन ले जा रहे हैं...🙃 आखिर अंतर रह ही गया...😒 🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐 2) बचपन में जब हम सूती कपड़े पहनते थे, तब वो लोग टेरीलीन पहनते थे! बड़ा मन करता था, पर पिताजी कहते- हम इतना खर्च नहीं कर सकते!                 बड़े होकर जब हम टेरीलीन पहने लगे, तब वो लोग सूती कपड़े पहनने लगे! सूती कपड़े महँगे हो गए! हम अब उतने खर्च नहीं कर सकते थे!   आखिर अंतर रह ही गया... 😒🤔 ⚖⚖⚖⚖⚖⚖⚖ 3) बचपन में जब खेलते-खेलते हमारा पतलून घुटनों के पास से फट जाता, माँ बड़ी कारीगरी से उसे रफू कर देती, और हम खुश हो जाते थे। बस उठते-बैठते अपने हाथों से घुटनों के पास का वो रफू वाला हिस्सा ढँक लेते थे!     

I Won’t Go To The Temple Again...

I Won’t Go To The Temple Again... Very interesting, read till the end 🤗 A daughter went to her father and said...   “I won't be going to temple anymore..” The father said: “may I ask why?” She said: “when I go there All I see is people on their mobile phones during service & bhajan, some are gossiping, some just are not living with integrity, they are all just hypocrites...” Father became silent, and then said: “OK... can I ask you to do something for me before you make your final decision?” She said: “Yes.. what's that?” He said: “Plz take a glass of water and walk around the temple 2 times; but you mustn’t let any water fall out the glass.” She said: “yes... I can definitely do that.” Then...  She came back and said  “it's done and here is the Glass Of Water” He asked her 3 questions: 1.  Did you see anybody on their phone?  2. Did you see anybody gossiping?  3. Was anybody living without Integrity? She Said: “How could I have seen anyone else?.... I didn't see a

लोग हैं ......

तू अपनी खूबियां ढूंढ, कमियां निकालने के लिए                                     लोग हैं| अगर रखना ही है कदम तो आगे रख, पीछे खींचने के लिए                                      लोग हैं| सपने देखने ही है तो ऊंचे देख, निचा दिखाने के लिए                                      लोग हैं| अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का, जलने के लिए                                      लोग हैं| अगर बनानी है तो यादें बना, बातें बनाने के लिए                                      लोग हैं| प्यार करना है तो खुद से कर, दुश्मनी करने के लिए                                      लोग है| रहना है तो बच्चा बनकर रह, समझदार बनाने के लिए                                      लोग है| भरोसा रखना है तो खुद पर रख, शक करने के लिए                                      लोग हैं| तू बस सवार ले खुद को, आईना दिखाने के लिए                                      लोग हैं| खुद की अलग पहचान बना, भीड़ में चलने के लिए                                      लोग है| तू कुछ करके दिखा दुनिया को, तालियां बजाने के लिए                                      लो